महाविद्यालय के संस्थापक राय बहादुर विक्रमजीत सिंह का संक्षिप्त जीवन परिचय
राय बहादुर विक्रमाजीत सिंह का जन्म झेलम जनपद के भवन नामक स्थान वर्तमान में पंजाब प्रान्त, पाकिस्ताान मेें सन् 1874 ई0 में हुआ था। विक्रमाजीत सिंह का विवाह मेहता गनपतरायय की पुत्री रूक्मणी देेवी के साथ हुआ था। उनके पिता बलरामपुर रियासत से राजसेवा मेें कार्यरत हुये तथा ताऊ जी फैजाबाद मेें डिप्टी कलेक्टर नियुुक्त हुए। अग्र्रेज सरकार द्वारा आपको डिप्टी कलेक्टर का पद प्रस्तावित किया गया परन्तु आपने विधिवेेत्ता बनने का निर्णय लिया और सन् 1897 ई में वकालत प्रारम्भ की और मुकदमाजीत सिंह के नाम से प्रसिद्ध हुए। अतः आपने सन् 1990 ई0 में श्री 108 स्वामी दयानन्द जी के सानिध्य में ब्रह्यावर्त सनातन धर्म महामण्डल की स्थापना की। इस संस्थाा के तत्वाधन में अनेक शिक्षण संस्थाओं, आौषधालयाों , चिकित्सलयों , पुस्तकालयोें की स्थापना सहित सनातन जीवन मूल्यों , धर्म एवं संस्कृति के प्रचारर्थ अनेक केन्द्रों की स्थापना भी हुई । इस समय महामण्डल के अन्तर्गत नौ शिक्षण संस्थायें संचालित है।
राय बहादुर जी अनेक सद्गुणों के पुंज थे। वेे प्रारम्भ में बार एसोेसिएशन के अध्यक्ष हुुए। सन् 1925 से 1931 ई0 तक नगर पालिका परिषद, कानपुुर के अध्यक्ष भी रहे। संयुक्त प्रान्त लेजिस्लेटिव काउंसिल के सदस्य भी रहे। सन् 1942 ई0 में आपनेे इस लोक-लीला का संवरण किया।